दमोह की वह शिव बाबड़ी जो आंखों के सामने रहकर भी रही ओझल आज बनी आकर्षण का केंद्र द्वारा लिखित – उमर खैय्याम

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दमोह की वह शिव बाबड़ी जो आंखों के सामने रहकर भी रही ओझल आज बनी आकर्षण का केंद्र

द्वारा लिखित – उमर खैय्याम

आइए जाने जागेश्वर नाथ धाम बांदकपुर मंदिर के पास स्थित अति प्राचीन
शिव बाबड़ी का इतिहास

पुरातत्व ने नही किया अति प्राचीन बाबड़ी का संरक्षण

दमोह :आइये जानते है बुन्देलखण्ड की धरोहर हिन्दू धार्मिक जागेश्वर नाथ धाम बांदकपुर मंदिर के पास स्थित गौरवशाली अति प्राचीन शिव बाबड़ी का इतिहास महत्व,कैसे हुआ शिव बावड़ी का कायाकल्प सौंदर्यकरण पूरी कहानी इस लेख में बुंदेलखंड के प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ क्षेत्र श्री श्री जागेश्वर नाथ धाम बांदकपुर मंदिर मध्यप्रदेश के दमोह जिले से करीब 15 किलोमीटर कटनी रोड के पास स्थित है जो की भारत की अखण्ड संस्कृति की एक गौरशाली गाथा स्वयं में सहेजे हुए हैं मंदिर परिसर के समीप ही एक अति प्राचीन शिव बावड़ी है क्षेत्रीय लोगो को विरासत में मिली जानकारी एवं मंदिर में उपलब्ध साक्ष्यों के अनुरूप जिसका निर्माण लगभग सन् 1711 में मंदिर के निर्माण के समय तत्कालीन राजा दीवान बालाजी राव चंदौलकर जी ने कराया था जिस प्रकार किसी भी निर्माण कार्य के लिए सर्व प्रथम पानी की आवश्यकता के लिए जलाशय की व्यवस्था की जाती है इसी प्रकार इस दिव्य मंदिर निर्माण हेतु उक्त शिव बाबड़ी का निर्माण कार्य के समय जल का उपयोग किया गया था सूत्रों के अनुसार पूर्व में श्रद्धालु भक्त भगवान के लिए इसी बाबड़ी का जल चढ़ाते थे कहते है मंदिर के अंदर का इमरती कुंड और बाहर की शिव बावड़ी दोनों आपस में जुड़े हुए हैं जो कि हमारे देश के गौरवशाली संस्कृति की एक अनूठी पहचान हैं यह प्राचीन बावड़ी विगत अनेक वर्षों से देखरेख के अभाव में अपने मूल अस्तित्व को खो रही थी ।

गौरतलब इतने प्रसिद्ध मंदिर परिसर में उपस्थित इतनी दिव्य शिव बाबड़ी पर पुरात्तव विभाग की नज़र नही गई जो कि इनकी गैर जिम्मेदार रवैया की और इशारा करती है न ही उसे सहेजने एवं सुरक्षित रखने के लिए किसी भी प्रकार के ठोस कदम नही उठाये गए ।

जैसे तैसे क्षेत्रीय युवा समाजसेवी गण एवम तत्कालीन सांसद श्री प्रहलाद पटेल जी ने वर्ष 2015 में इस शिव बाबड़ी के सौंदर्यकरण के लिए प्रयास किए एक बाउंड्री वाल बनाई प्रशासन ने इसके चारों और से अतिक्रमण हटाया मंदिर ट्रस्ट ने कुछ नई दुकानें भी बनाई लेकिन कुछ वर्षों बाद पुनः बाबड़ी के चारों ओर से अवैध अतिक्रमण अस्थाई टपरे दुकानें आदि लोगों के द्वारा बना दी गई और फिर बाबड़ी के चारों ओर फिर अतिक्रमण हो गया अतिक्रमण के कारण बाहर से आने वाले श्रद्धालु भक्तों को बाबड़ी दिखाई नहीं देती थी जिस कारण से पुनः उक्त बाबड़ी के अस्तित्व का खतरा मंडराने लगा ।

परंतु पुनः 1 मई 2025 को सौंदर्यकरण का ल संकल्प लिया गया –
स्थानीय युवाओं द्वारा मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षण कर बाबड़ी की ओर ध्यान दिया गया जिसमें 9 मई 2025 को मुख्यमंत्री के आगमन के पूर्व स्थानीय समाजसेवी युवाओं ने जिला प्रशासन जन अभियान परिषद जिला समन्वयक श्री सुशील नामदेव जी के साथ स्थानीय युवाजन शंकर गौतम ,छात्र क्रांति दल के जिला अध्यक्ष कृष्णा पटेल सहित अन्य युवाओं ने बांदकपुर मे एक बैठक कर बाबड़ी में श्रमदान कर इसके सौंदर्यकरण का संकल्प लिया और योजना बनाई अभियान आरंभ किया दूसरे ही दिन जिला प्रशासन कलेक्टर महोदय ,सांसद विधायक अन्य जनप्रतिनिधि जिले के सामाजिक धार्मिक संगठन शिवभक्त बांदकपुर कारीडोर अभियान संघर्ष समिति युवाओं की टीम ने बाबड़ी में लागतार तीन से चार दिन श्रमदान किया और यह तय किया कि आगामी 9 मई 2025 को मुख्यमंत्री जी के बांदकपुर आगमन पर उन्हें बावड़ी दिखाने यहां लाना है इसके साथ ही जिला प्रशासन जन अभियान परिषद ,जनपद पंचायत दमोह जिला प्रशासन स्थानीय युवा बाबड़ी के सौन्दर्य के लिए जुट गए देखते ही देखते बाबड़ी अद्भुत दिखने लगी दिवाल पर वाल पेंटिंग रंगाई पुताई का कार्य सहित वर्तमान कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने बैठने के लिए सुंदर कुर्सीया आदि की व्यवस्था की शिव बावड़ी चमकने लगी 8 मई 2025 बांदकपुर धाम कारीडोर निर्माण भूमिपूजन के एक दिन पूर्व संध्या पर स्थानीय युवाओं ने जिला प्रशासन के साथ बाबड़ी में दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें दमोह सांसद श्री राहुल सिंह जी,पर्यटन संस्कृति मंत्री श्री धर्मेंद्र सिंह जी,मंदिर ट्रस्ट के सदस्यगण प्रबंधक श्री रामकृपाल पाठक ,जिला कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर सहित स्थानीय युवाओं की उपस्थिति रही ।

9 मई 2025 को मुख्यमंत्री बांदकपुर धाम पधारे मंदिर में भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के बाद बावड़ी पहुंचे जहां बावड़ी का अवलोकन किया और यहां किए गए श्रमदान सौंदर्यकरण के कार्य की प्रशंसा की अभियान में सहयोग करने वाले जलदूतों से मिले फिर दूसरे दिन मंदिर ट्रस्ट कमेटी द्वारा सामने की ओर सड़क पर बावड़ी में एक नया गेट लगा दिया गया एवं एक चौकीदार देखरेख हेतु नियुक्त कर दिया गया वर्तमान में बाबड़ी की सुरक्षा को लेकर चारों और ग्रिल लगाई जा रही है प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में भक्त मंदिर दर्शनों के बाद बाबड़ी पहुंचेने लगे है बांदकपुर आने वाले श्रद्धालु भक्त यहां फोटो निकालते हैं सेल्फी लेते हैं शिव बाबड़ी किनारे बैठकर सुकून का अनुभव करते है यहां जो भी व्यक्ति आता इसकी सुंदरता को देखकर मोहित हो जाता है
5 जून 2025 को प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश भर में बाबड़ी उत्सव कार्यक्रम मनाया गया जन अभियान परिषद जिला प्रशासन द्वारा बांदकपुर धाम की बावड़ी में भी यह आयोजन संपन्न हुआ जिसमें बावड़ी में रंगोली सजाना, पारंपरिक लोकगीत का गायन ,श्रमदान कार्य में सहयोग करने वाले जलदूतों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया गंगा आरती ,दीपोत्सव का आयोजन स्थानीय युवाओं महर्षि संस्कृत विद्यालय के बच्चों ग्रामीणों के सहयोग से बाबड़ी उत्सव का कार्यक्रम आयोजित हुआ ।

21 जून 2025 को जिला प्रशासन की पहल पर छात्र क्रांति दल ,नव संकल्प सामाजिक सेवा समिति श्री जागेश्वर नाथ भक्तमंडल द्वारा बाबड़ी में योग दिवस के अवसर पर योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया यह प्रदेश का पहला आयोजन था जो बावड़ी के किनारे संपन्न हुआ
विगत दिनों अजब धाम से पूज्य संत श्री छोटे सरकार ,प्रसिद्धि बुंदेली कथा पहुंचे पूज्य श्री विपिन बिहारी जी महराज बांदकपुर पहुंचे जहां स्थानीय भक्तों के साथ बाबड़ी का अवलोकन शिवभक्तों जिला प्रशासन द्वारा किए गए सौंदर्यकरण कार्य की सराहना की

देव श्री जागेश्वर नाथ धाम बांदकपुर में स्थित अति प्राचीन बावड़ी जिसे विगत दिनों शासन प्रशासन एवं जल गंगा संवर्धन परियोजना के तहत कराए गए जीर्णोद्धार के उत्कृष्ट कार्यों, बावड़ी की स्वच्छता एवं सौंदर्यीकरण को देख कर मन प्रसन्नता से भर उठता है बावड़ी की पूर्व स्थिति एवं वर्तमान स्थिति देखकर निश्चित ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कार्य करना सरल नहीं रहा होगा बड़ी ही मेहनत, लगन और धैर्य के साथ इस कार्य को सबने मिल- जुल कर सभी ने संपन्न किया होगा… इसलिए इतना सुंदर एवं स्वच्छ परिणाम आज हम सब के समक्ष है इसके लिए शासन प्रशासन ,जल गंगा संवर्धन अभियान की टीम ,कारीडोर अभियान के युवा ,जन अभियान परिषद,छात्र क्रांति दल ,नव संकल्प सामाजिक सेवा समिति ,जिले के सामाजिक धार्मिक संगठन ,जनपद पंचायत दमोह एवं ग्राम बांदकपुर के स्थानीय निवासी बधाई के पात्र है ।
जिन्होंने इतने महत्वपूर्ण कार्य को इतनी उत्कृष्टता से संपन्न कराने में अपना बहुमूल्य समय देकर कार्य में अपना योगदान दिया भारत में जल संसाधन की उपलब्धता एवं प्राप्ति की दृष्टि से काफी विषमताएँ मिलती हैं, अतः जल संसाधन की उपलब्धता के अनुसार ही जल संसाधन की प्रणालियाँ विकसित होती हैं। बावड़ियां हमारी प्राचीन जल संरक्षण प्रणाली का आधार रही हैं- प्राचीन काल, पूर्वमध्यकाल एवं मध्यकाल सभी में बावडि़यों के बनाये जाने की जानकारी मिलती है। दूर से देखने पर ये तलघरा के रूप में बनी बहुसंख्यक सीढ़ियों की बहुमंजिला इमारत जैसी दृष्टिगत होती हैं।
जल ही जीवन है जल की हर एक बूंद को संरक्षित करना हमारा प्राथमिक कर्तव्य होना चाहिए द भारत भास्कर की टीम आप पाठको से निदेवन करती है आप जब भी बांदकपुर धाम जाए तो एक बार इस सुंदर शिव बाबड़ी को देखने अवश्य जाए ताकि इतिहास की इस गौरवशाली शिव बाबड़ी को सही मायनों में उसका सम्मान मिल सके ।
क्षेत्रीय युवा समाजसेवी और शिव भक्त पंडित शंकर गौतम ने हमें इस बाबड़ी और मंदिर से जुड़े गौरवशाली इतिहास के रोचक विषय से अवगत कराया जिसके आधार पर इस बाबड़ी के इतिहास को हम आप तक पहुचा सके ।

नोट : – यदि आपके क्षेत्र में भी यदि कोई देश की अखण्ड संस्कृति को कुरेदती कोई अनदेखी स्मारक , बाबड़ी , निशानी हो तो हमारी टीम को अवश्य सम्पर्क करें हम उसे उसकी पहचान दिलाने का एक भरपूर प्रयास करेंगे ।


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