शायरों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की

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Umar khaiyyam

          दमोह :  धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में शहीद हुए निर्दोष पर्यटकों को दमोह की उर्दू साहित्यिक संस्था बज़्मे अहसन ने अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि और अपने काव्य के माध्यम से काव्यांजलि अर्पित करने का मार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें शायरों ने अपनी काव्य रचनाओं से इस संकट की घड़ी में देश के साथ एक जुटता से खड़े रहने का संकल्प दोहराया, देश की सेना से बदला लेने का आव्हान किया, साथ ही घटना में अपने प्राण गँवाने वाले निर्दोष सैलानियों के प्रति अपनी-अपनी शोक सम्वेदनाएँ व्यक्त कीं।

बज़्म के अध्यक्ष डॉ. रफ़ीक़ आलम ने अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए कहा कि,
है आरज़ू महकता हुआ गुलसिताँ रहे।
महफ़ूज़ हर बला से ये हिन्दोस्ताँ रहे।।
हो जाए जड़ से ख़ात्मा आतंकवाद का
या रब हमारे मुल्क में अम्नो अमाँ रहे।।
बज़्म के उपाध्यक्ष शकील अमजद ने कहा कि,
अपने वतन की इसमें भलाई है दोस्तो l
आपस में सबके सिर्फ़ मुहब्बत हो प्यार हो ll
सीनियर शायर ताज दमोही ने भी अपनी वीर रस से भरी कविता प्रस्तुत की l उस्ताद शायर शाहिद दमोही ने कहा कि,
खून का बदला खून होता है l
क़ातिलों को बता दिया जाए l l
बज़्मे अहसन के संरक्षक हाजी ताहिर दमोही ने संचालन करते हुए कहा कि,
अब निपटने का अलग ही ढन्ग होना चाहिए l
लाज़िमी हो जंग तो फिर जंग होना चाहिए l
वो यहाँ हों चाहे दुनिया के किसी हिस्से में l
ज़ालिमों की ज़िन्दगानी तन्ग होना चाहिए ll
डाक्टर नाज़िर ने नम आँखों से शहीदों को यूँ सलामी दी कि
अपने वतन के वास्ते जो हो गये शहीदl
भारत के ऐसे सच्चे सपूतों को है सलाम ll
अदीब दमोही ने कहा कि,
सितमगर ने खुशी को मार डाला l
वफ़ा को दोस्ती को मार डाला ll
नियाज़ हिरदेपुरी ने कहा कि,
भूल बैठे हैं वो शायद अपनी पहले की शिकस्त l
दुश्मनों को आईना फिर से दिखाना है हमें ll
साहिब खान “साहिल “ने आतंकवाद को जड़ से मिटाने पर जोर दिया –
मज़बूत अपना मुल्क बनाकर रहेंगे हम l
आतंकवाद जड़ से मिटाकर रहेंगे हम ll
एडवोकेट इरफ़ान उस्मानी ने अपनी ओजस्वी रचना में कहा कि
अब तो हमारा एक मिशन होना चाहिए l
आतंकियों के सर पे कफ़न होना चाहिए ll
अनाम दमोही ने अपनी काव्य रचना में कहा कि
खून इन्सानों का बहाते हैं
कौन हैं ये कहाँ से आते हैं
इनको मिलकर सबक़ सिखाना है
इनका नामो निशाँ मिटाना है
मुस्तफ़ा अकमल ने कहा कि
आन्खे हैं अश्कबार ये दिल ग़म से चूर है l
वो ही लहूलुहान है जो बेक़सूर है ll
अयाज़ ने अपनी रचना में कहा कि,
तुमको आज़ादी है जवानों जाओ घुस कर वार करो l
दुश्मन सीमा पार का है तो तुम भी सीमा पार करो ll
शुएब दमोही ने कहा
“खात्मा इन दहशतगर्दों का अब तो बहुत ज़रूरी है l
पहलगाम का बदला लेना अब तो बहुत ज़रूरी है ll
अन्त में बज़्म के सेकेट्री साहिल दमोही ने सभी का आभार माना और शोक सन्त्रप्त परिवारों को इस गहन दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की l

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