श्री सिंघई जैन मंदिर में श्रावक संस्कार शिविर प्रारंभ, आध्यात्मिक ऊर्जा से गूंजा सिंघई मंदिर परिसरश्री दिगम्बर जैन मंदिर, देव पारसनाथ, खुनके सिंघई वाला,
दमोह – समाधि सम्राट आचार्य भगवंत विद्यासागर जी महाराज, परम पूज्य विधा शिरोमणि आचार्य श्री समय सागर जी महाराज एवं निर्यापक श्रेष्ठ मुनि पुंगव सुधा सागर जी महाराज की मंगल प्रेरणा एवं आशीर्वाद से जैन समाज की आध्यात्मिक जागृति के लिए आयोजित श्रावक संस्कार शिविर का शुभारंभ अत्यंत भावमय वातावरण में हो चुका है।सद्भाव, संस्कार और सादगी के संगम से सजे इस शिविर में 500 से अधिक शिविरार्थी, जिनमें बालक, बालिकाएं, युवक-युवतियां एवं वरिष्ठजन शामिल हैं, आत्मशुद्धि और धर्मज्ञान की गंगा में अवगाहन कर रहे हैं।शिविर का शुभारंभ:शिविर का उद्घाटन मंत्रोच्चार, दीप प्रज्ज्वलन एवं मंगला आरती के साथ किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं एवं गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही। शिविर को मार्गदर्शन प्रदान कर रहे आमंत्रित विद्वान एवं अतिथि: में डॉ. आलोक मोदी विषय प्रवक्ता, डॉ. प्रदीप शिविर प्रभारी, विपिन जी, केंद्रीय विद्यालय, बाहुबली शिविर सह प्रभारी, सर्वज्ञ जी, आशीष सोजना गायक, अनिकेत मुहली समयसार टॉपर, सबन जैन सिल्वर शिविर संयोजक, आयोजन समिति सदस्य दिलेश चौधरी, राजेश ओशो, नीलेश चौधरी, राज नायक श्रीकांत सिंघई, सुधीर जैन डब्लू, वायनल चौधरी, अर्नब जैन, अनिमेष सिंघई, शूजल जैन, श्रीमती अंतिम जैन, श्रीमती बर्षा जैन, श्रीमती सपना जैन, श्रीमती श्रद्धा जैन, श्रीमती प्राची सिंघई, श्रीमती गरिमा चौधरी रहें। शिविर की संरचना अनुसार हर आयु वर्ग के लिए अलग आयोजन: बाल संस्कार वर्ग (भाग 1 व 2) प्रारंभिक शिक्षा के रूप में बच्चों को पेंटिंग, कैलीग्राफी, नृत्य एवं संगीत जैसे रचनात्मक माध्यमों द्वारा धर्म से जोड़ा जा रहा है। बाल संस्कार की यह नींव आने वाली पीढ़ी को शील, समता व सहिष्णुता की दिशा में ले जाएगी। वयस्क वर्ग – प्रातः 8:15 से 9:15 तक, गूढ़ धार्मिक ग्रंथों एवं आत्मविकास से जुड़े विषयों पर गहन मंथन: लेश्या (मार्गणा), छहढाला जी, द्रव्य संग्रह, तत्त्वार्थ सूत्र, दोपहर 3:30 से 4:30डॉ. आलोक मोदी के सान्निध्य में प्रतिदिन एक एक विशेष विषय: 9 जून दर्शन, 10 जून संयम, 11 जून संज्ञत्व, 12 जून भव्यत्व, 14 जून आहार, 15 जून – उपयोग व अधिकार और साथ ही इष्टोपदेश एवं रत्नकरण्डक श्रावकाचार जैसे अमूल्य ग्रंथों पर भी चर्चा हो रही है। शाम 7:30 से आरती, प्रतिक्रमण, पाठ आदि का आयोजन, संयोजन में भागीदारी निभा रहे प्रमुख सहयोगी संगठन: जैन मिलन नगर प्रमुख शाखा, दमोह, महिला जैन मिलन सिंघई मंदिर, महिला महासमिति सिंघई मंदिर, शिविर संचालन एवं मंदिर समिति: मंदिर अध्यक्ष सुधीर सिंघई, संरक्षक कपिल मलैया, सुरेन्द्र सराफ, संतोष सिंघई, डॉ. आई.सी. जैन, जिनेन्द्र जैन (हटा), विपिन जैन, मनीष चौधरी रहे। शिविर में दिख रहा है धर्म, संस्कृति और सेवा का अनुपम समन्वयशिविर का वातावरण पूर्णतः अनुशासित, सात्विक एवं ऊर्जा से भरपूर है। बच्चों में धर्म के प्रति उत्साह, युवाओं में गहन आत्मचिंतन की ललक और बड़ों में तत्वार्थ विवेचन की गहराई स्पष्ट दिखाई दे रही है। इस श्रावक संस्कार शिविर के माध्यम से जैन समाज धर्म के मूल स्तंभों को जीवंत कर रहा है, जिससे न केवल आत्मिक शुद्धि हो रही है, बल्कि सामाजिक समरसता और संस्कृति का सशक्त संचार भी हो रहा है।